मनके आवाज
गजल १४
शक्तिबाट घर अँग्नामे डोलि मंगाके लैजाउ महि।
नैसेक्बो ट म्वार मनके राजा भगाके लैजाउ महि।
बैठल रठु सद्दभर मै टुँहार यादमे कवाके ,
सपनाम रलसेफे साँच्चि जगाके लैजाउ महि।
छोटछोट खलबलि ट सबजहनके हुइना कर्ठिन,
कबुकाल रिसाइल हुइम ट सुफलाके लैजाउ महि।
चट् मँग्नि फट भ्वाज कर्ना मन सबके रहठ ,
धुन धराटके पञ्चे बाजा बजाके लैजाउ महि।
म्वाँर मनमे टु बटो टुँहार मनमे मै बैठल बाटु ,
हमार मैयक कदर कर्खे सजाके लैजाउ महि।
अशोक रस्टेह्वा ...✍️
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