नाट सग्गे साली पर्ना जन्निक छोट्कि बहिन्या । उहे साली हुइन डुल्हि हेरेगैल मे डबोट् डबोट जाँरक झोर पिओइया । पिना बा टे पियो नेै टे मुरिम बरैम कहुइया उहे कानकट्लान छोट्कि बथिन्या रहिन ।
पुइनपडान बर्का रामे डुल्हि हेरे कानकट्लान घर गैल रहे । बाट हरे बेलक् हो जाँरक झोर सुर्कलक् । रामे डुल्हिहे मन पराइ ओ ढुमढामसे भोज फेन कर्ठैं । भोज हुइलक् एक साल डु साल करट् करट् आठ दस साल होजैठिन टर सन्टान नै हुठिन् । बहुट् कोसिस कर्ठैं मने नै हुइठिन कै मन्दिर कत्रा पुजापात कत्रा गुरै पटि, झारफुक बैडवा कराके मिच्छागैलै ।
आप डुनुजहन सन्टान चाहल रहिन तर कौनो उपाइ नै रठिन केवल डु ठो डग्गर रठिन सन्टानके लाग किटे डोसरके लर्का पाले परल कि टे सौटिन्या बनाइ परल । पलक लाक लर्का फेन नै भेटाके पुइन पडान बर्का अपन छोट्कि सालिक बाट निकारट् । डुनु जे राजी होके पुइन पडान टर्नि अपन छोट्कि बाबुहे बलैठिन ओ सौटिन्या बनैठिन । अपन थर्वक संग सुताके लर्का पओइना बाट करके बहिन्या हे अपने घरेम रना अनुमटि ठिन । पुइन पडान टर्निक संखा फेन रठिन कि थरुवक् बिग्रल बटिस कैहिके तर कुछ डिन पाछे पुइनपडान छोट्कि पैनाहा होगैलिन । जानके टिनुजे खुशि हुइठै छोट्कि हे मिठे मिठे खओइठैं ।
पुइन पडान रामे अपन छोट्कि साली से रमाइ लागट् छोट्किसे ढेर समय बिटाइ लागट् एक ओर बर्कि टर्नि फेन खुशि रठिन घरेम लम्मा समय सम छोट् लर्का नै जल्मल रहिन । रामे सोच्ले फेन नै रहे कि मै छोट्कि साली हे लाने परि मने ओकर भग्य कना हो कि बाध्यता इ डिन डेखे परलिस ।
समय कना हो कि उपरवालाके खेल अचम्के बाट कुछ महिना बर्कि टर्नि फेन पैनाहा होगैलिन । आप टे आउर बर्कि टर्नि बरे खुसि रहिन इ सब अपन बाबुक कारन सम्झठिन अगर बाबू नै आइट् कलेसे जाने इ सब हुइट कि नै । बाबू हमार बंश बचैना मे सहयोग करल कहिके बरे जोर मन्ठिन बर्कि टर्नि । डुनु डिडि बहिन्या मजैसे रठैं संगे खैठैं पिठैं रमैठैं ।
डुनुजे डिन ठेगान अन्सार एक एक ठो छावा जल्मैठैं । पहिले छोट्कि पैठिन टब कुछ महिना पाछे बर्कि पैठिन । छोट्किक् छावक नाउँ खोजीलाल ढारडेठैं काहेकि खोजल हस लर्का भेटैलैं । कुछ महिमा पाछे बर्कि पैठिन ओर नाउँ दयाराम ढारडठैं काहेकि दया करके सन्तान मिलल् रठिन ।
डुनु लर्का मजैसे बहर्टि जैठाँ रमैठाँ खेल्ठा संगे पह्रेजैना सगे नेग्ना घुम्ना एक डोसरहे साठ डेना वरे मजा सम्बन्ध रठिन । डाइ बाबा फेन ओइनहे डेक्के बरे खुशि रठैं अपन भग्य भारि सम्झैठैं । लर्का जवान हुइटि गैलिन अपन ओरसे आकुर छाइ फेन जल्मलिन ।
छाइ छावानके भोज कर्ठैं छाइ ससरार जैठिन कलेसे पटुहिया हे घरेम भित्रैठैं । आप घर चैनार होगैल रहिन पहिले सन्टानके लाग आँस गिरैना ओइना जोरिया छावा पटुहिया भेटासेकल रहिंट ।
घर परिवार मजैसे चलट् डेखापरट् सक्कुजे मजै खुशि रठैं तर के जान्टा कि खेट्वक मेर्वामे मुस डोडर पारे हस कोइ ढिरेढिरे घरेम डोडर पार्टिन कहिके । सुन जाइट ओ डेखजाइट् इ समाजमे जब हुइलागट् उहाँ जरुर खराबि फेन जर गारे लागट् ढिरेढिरे जर खुस्टाइ लागट् । ओसहेके उ परिवारमे फेन हुइ भिरल रहिन । जब सम घरेम पटुहिया नै आइल रहिन टब सम ठिके ठाक चलटहिन मने जब पटुहिया अइलिन टबेसे कुछ बडलगिल रहिन ।
घरेम कोल्काहि चलेलग्लिन टोर मोर कना बाट निक्रे लग्गिल, कामक खोन्नि हुइ लग्लिन खैना पिना मे बठा लागे लग्लिन । हिच्का मुना घल्ना ओहोर्ना चिजमे बिर्हे मुए लग्लै । छावा पटोहिया लर्कनके इ चाल डेख्के उ बुर्ह्वा बुर्ह्या डुखि रहिंट । लर्का जल्माइक लाग भारि डुख उठैलैं बलटल लर्का जल्मलिन आप असिन डेखे पर्टा कहिके । आप उ लर्का डाडु भैया नै होके गोट्यार बन सेकल रहिंट । अल्गे खैना अल्गे कारोबार करे लागल रहिंट् । आप उ बुर्ह्या बुर्ह्वा फेन उहे पुराने हालट मे होगैल रहिंट कोन छावा पटुहिया सहेर्हिं कना आसेम छोट्मोट् बुक्रा बनाके बाँकि रहल जिन्गि गुजारा कर्टि रठैं ।
असिन जिन्गि जिना डाइ बाबनके रहर नै रहट् जन्ना बुझ्ना लर्नकनके हो जलम डेना डाइ बाबा लर्कन के खराबि कबुने नै सोचट् टर हमेसा लर्कनके हिट सफल्टाके लाग सोचट् । लर्कन सुढारक लाग डाँटट् पिटट् टर लर्कनके पिर समझके आँस गिराइट् ।
संगम चौधरी ....✍️
कथा काल्पनिक हो । केकरो जिवनमे मिलि कलेसे संयोग किल सम्झबि । संसार भारि बा केकरोमे मिलेसेकि । धन्यवाद!