पनभक्टा रठिस ओकर नाउँ पहिले छोटभर अपनडाइक संग मामन घर रहठ् खेलट कुडट् जवान हुइट् डेख्ना मे बरे टेलार बिल्गाइट् छट्पट्हा ओ बरे हैहर रहट् जहोर टहोर है खैनाहा मिठे मिटे मजै चिज किल खोज्ना ।
एकरोज एकठो खेटि करुइया किसान आइल ओ लोभाले उहिहे रुप्या डार अपन घर लैगिल ।
बाट हो एकठो बछर्वाके । उ मनैया उहीँ किनके लैगिल मजासे पालम ओ खेटि करम कमाहि खैम कैके जब उ उहीँ खैना पिना डेहेलागल टे उ रुच रुचके खैना खोजे लागल अत्रेकिल नाइ साडा पानिटक नैपिना उ बछरुवा । पानिमे डाना मिलाइ खोज्ना डाना नै रलेसे पानी नै पिए अोहेमारे ओकर नाउ पनभक्ता रहिस ।
पनभक्ता मिठे मिठे ओ मजै खेना पिना खोज्ना हुइलक मारे किसन्वाफेन मिच्छा रहट् । जोन डिन पनभक्तक पेट नै भरिस टे छर्कि टुरके जम्मा टिनाटावन सफा पारडेहे । ओहे मारे ओकर छर्कि फेन साट गाँठपारल रहिस ओस्टे जानपरे कि इ बर्डा बरे हैहर बा । एक ओर परकाहा फेन रहे अोहे मारे सिंग काटल रहिस पुछि बाँरा रहिस कहेकि उ ढाँगर फेन रहे जोटेबर बैठजिना उहेमारे किसन्वा पुछि अैठके बाँरा करेले रहट् ना उ बेच्ले बिकट ना खडेर्ले जाइट् ।
किसन्वा बिचारा मिच्छारहट् ना उ मजासे खेटि करेपाइट ना चएनके निन सुटेपाइट् । उहीँ पालके मिच्छारहट् सुटुकलेसे कोइ लैजिना मने नै करसिस खडेरु कलेसे घुमके फेन घरे आजाइस । पनभक्ता हे पालके डेख्के किसन्वा जाटसे मिच्छा रहट् उहे मारे मजासे पनबक्तक ओर ढ्यान नै लगाइट् ।
पनबक्ता ढिरे ढिरे बुह्रैटि जाइट आप ओकर बल फेन घट्टि जैइट् मजासे छवग्राइ फेन नै सेकट् किसन्वा रिसक मारे सुखाइल पैंरा आघे लब्डाके खोर्यक जाँरेम भुलाइल रहट् । पनभक्ता बुह्रैटि गैलक मारे किसन्वा डोसर बछरु नानके जोट्क सिखाइट् । पनभक्टा बरे कमजोर होजाइट् नेगेबर फेन हट्मटाइट् एक ओर छनपार फेन रहट् पनभक्टा । अाप उ नेगे नैसेक्ना मिरिक होरहट् उहीँ उठैना कर्रा पर्ठिस किन्वा हे मने पनभक्टा बरे चलाखिसे अपन पेट भरट् जब उहीँ किसन्वा नेगे नैसेकट आप मुना डिन आरलिस कहिके छर्कि नै लगैले रहट् उहे बेला चुप्पेसे उठ्के जम्मा सेमक् डरंगा सफा पारके बग्गरिम जाके बैठरहठ् ।
किसन्वा पनभक्टक् चालबानिसे आप रिस नै गल्ठिस मने ओकर चलाखि से हाँसठ् ओ पन भक्टक बयान करठ् ओकर जिन्गिक कहानि सुनाइट् । मै फेन इ बाट सुन्नु ओ एक घचिक हँस्नु ओ बिचारा कनु । सोच्नु कि उ जनावर हो टर सबकुछ जानट् बुझट् मनैके बोली बुझके बर्षो सम अपन कमाहि खवाइल आप उ बुह्रागैल बा टे कहाँ जाइ घर छोरके उ फेन टे डेखठुइ अपन किसन्हे बनैलक ओहे मारे पनभक्टा उ घर छोरक मन करट् । अपन करल खाइल बठल घर छोरके किहि जैनास लगट् । पनभक्टा आपने चालबानि से किसन्वा से डुख पाइल सिंग कट्वा पाइल पुँछि बाँर हुइलिस । मिठेमिठे खोजल्क मारे पनभक्टा नाउ ढरुवा पाइल । ओराइल ।
संगम चौधरी.....✍️
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