सजना/मागर/धमार, अमुल् गहना हमार । सजना मागर धमार थारुनके मुहेम झुलल रना गित हो । इो गितके रहान बैराग लग्टिक ओ मन छुना मेरिक रहठ । उहेमारे सब जहनके मनेम बैठ जैठिन । रहान एक्के मेरिक निकर्ले से फेन इ गित सडाबहार जवान रना गित हो । इ गितके अन्त नैहो बतैठै, जत्रा लम्मा बनैलेसे फेन जाइल करठ कठै । मैया प्रेम, देश भक्ति, डाइ बाबा से लेके परवारिक सैना से जुरल रहठ इ गित । सजना खास कैके चैत महिनासे कुवार सम सोहैना गितहो कठै, कलेसे धमार हिँउद के सिजनमे सोहैना बटैठै ओ मागर भोजहा लग्गनके गितहो इ गित कार्तिक से फागुन सम सोहैना बटैठै मने आबक युग मे सबमेरिक गित, सब समयमे सुने सेकजाइठ । पहिले सिजन अनसार गित गैना चलन हरिन मने आब आधुनिक प्रविधिले जबफेन ओनाइ सेकजाइठ । गित भर्ना ओ ओनैना कौनो सिजन नैहो मने जोन सिजनके गितहो उहे सिजन मे सोहाइठ । गित हमार थारुनके अमूल्य गहना हो कलेसे कोइ फरक नै परि, नाहि कि जात्तिके किनके फेन किने नै मिल्ना चिजहो हमार संस्कृटि ।
...........✍️ संगम चौधरी
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