अस्रा गजल संग्रह
आदरणिय सक्कु पाठक मित्रज्यू हुक्रे सबसे पहिले साहित्यिक ख्रिष्टिय अभिवादन ओ नमस्ते ।
सबसे पहिले परमेश्वरहे धन्यवाद ! देना चाहटु जे महि सृष्टि करल जेकर कारण आज मै अप्ने हुँकन इ पहुँरा डेना मौका भेटाइल बटु । बहुट बरस से मनेम संघारल पहुँरा अप्ने हुँकनक हाँथेम डेहे पाइल मे बरे खुसि लागल बा ओ मैयाले मोर पहुँरा स्विकारडेलि बखारिक बखारिक धन्यवाद! अस्टके इ किताब आप अनलाइन मार्फट हेरके साथ सहयोग देलक मे फेन मनसे से धन्यवाद बावै ।
मै अपन पहुँरा हे बाईबलियबसन्देश ओ आपन जिन्गिम ओगल दु:ख सुखके भावना, संघर्या पर्टिके मैयाँ से फुन्ना लगैना कोसिस करलेटुँ । महि साहित्य कलक पटानै रहे टब फेन मै मोर कलम साहित्य सृजना मे चलटहे इ बाट मै २०७४ ओर पटापैनु जब मोर प्रटिभा के प्रशंसा हुइलागल ओ कोइ जानकारी कराइल कि साहित्यकार कहिके ।
मोर रचना साहित्य विभिन्न रेडियो पत्रपत्रिका मे छपे लागल बोजे लागल रहे । मोर थारु भाषामे लिखल पहिल भावना जिन्दगी कैसिन कसिन थारु भाषक उघ्रार साहित्यिक पत्रिका मे २०६८ मे छपल रहे जब मोर भावना पत्रिकामे छपल टे बरे खुशिलागल कि मै साहित्य लिख्ना मे भारि उर्जा पैनु आउर ज्यादा रेडियो मे प्रसारण हुइलागल । अस्टक २०७० सालमे गजलकार अशोक चौधरी ( रस्टेह्वा ) महि भारि हौसला देलै ओ मोर साहित्यिक कलम के टुप्पा आउर टिस्लोर हुइटि गैल । अपन थारु भाषम साहित्य झल्कैना मे मोर कलम बरे टेजसे डौरे लागल । इहेकरम मे मोर भेट साहित्यकार तथा पत्रकार सागर कुश्मी से हुइलस । २०७२ साल मे युवा जागृती साहित्यिक पत्रिका जबर प्रकासन हुइटहे उहे बेलासे महि साहित्य क्षेत्र ओर हौसला डेहुइया कलम चलाई सिखुया ओ इहे अस्रा गजल संग्रह प्रकासन मे भारि सहयोग करदेहुया सागर कुश्मी संगत हे डेल्वा भर भरके धन्यवाद !
अस्टके किताब के खोल डिजाइन करके सुहाउन बनादेहुइया घोडा घोडी नगरपालिका -४ सुन्दरपुर भालुफाँटा के संघरिया एल. सि. सुबास चौधरी हे फेन दिलसे धन्यवाद! अस्टके मलेसिया से सहयोग करुया भैया राज ओ सहयोगी सक्कु मन्डली संघ संस्था लगाएत सक्कु मित्र हुँकन भौंका भर भरके धन्यवाद!
अन्तमे सबचिज मे सकारत्मक ओ नकारत्मक जरुर रहट यदि मोर गजल मे फेन कुछ कमि कमजोरी पैबि कलेसे महि एक्चो सुधर्ना मोका जरुर डेबि । अप्ने हुँकन के सल्हा सुझाब से मै अपन साहित्यिक कलम और मैगर डरगर से चलाई सेकु । अप्ने हुकन के अमूल्य सल्लाह सुझाब के अस्रा हेर्टि ओल्टार हुइटु ।
संगम चौधरी
शुभ कामना
नेपाल म मण्डलिक संख्या अत्याधिक रुप म वृद्धि हुइटा । ध्यार जैसिन मण्डलिम मजा मजा शिक्षा पाइल ब्याक्ति हुक्र बट टर परमेश्वर हरेक अपन जन हुँकन विभिन्न मेराइक बरदान ओ खुबि डेल बट । ३ युहन्ना २ के अनसार हरेक चिजम उन्नती होय कना परमेश्वरके इच्छा बटिन टर ख्रिष्टिय जगत म साहित्य ओर कलम चलैना ब्याक्ति बहुट कमजे बट । अस्टक उहाँके पहिल कृति अस्रा प्रकाशन हुइल बटिन । ओ विशेष कैक गजल व गित ओर इ कदम परमेश्वर म सह्रानिय बा । जोन चिज इ गजल संग्रह म बा अप्नेहुँक्र पहर्बि कलसे ध्यार आशिष पैनेबाटि । इ गजल द्वारा परमेश्वर म आघ बहर्ना ओबुझना म अप्ने हुँकन ध्यार सहयोग पुग्ने बा ।
अस्टक भाइ संगम अपने आपन हाँट साहित्यक क्षेत्र म परमेश्वरके निम्ति चलैटि जाइ । येशु ख्रिष्ट आशिष डेहिं ।
बधाइ बा ।
७ नं. प्रदेश क्षेत्रिय ए.जि.एन. अध्यक्ष तथा एन. सि. एफ. के उपाध्यक्ष रेभ. पा. नरिलाल दहित
गजल के भुमिका
२०७५ बैशाख १ गते कंचनपुर बेलौरी सन्तोष चौधरीके डिलके नगरिया गजल संग्रह विमोचम करेबेर ओहेबेर संगम चौधरी महिन कहले रहिंट, आब मै फेन एक महिना भिट्टर गजल संग्रह संग्रह निकार्टु कहिके ।
२०७४ भाडो महिनक् पहिल अठ्वार हुँकारे गाउँमे जाके १ दिने गजल लेखन तालिम देना मौका मिलल् रहे । एकठो लर्का जन्मक लाग नौ महिना लागट कहेहँस तालिम लेलक् नौ महिनामे अपन छुट्टे गजल सँग्रह निकर्ना चानचुने बाट नैहो । मने इहिसे पहिले तालिम लेके नौ महिनामे अपन सिर्जल मुक्तक सँग्रह २०७४ निकारके साहित्यक क्षत्रमेअपन अलग्गे पहिचान बनासेक्ले बटि साफि चौधरी।
पुनर्बास -२ कन्चनपुरके सँगम चौधरी फेन तालिम लेके नौ महिनामे अपन एकठो लर्का जलम देले बटाँ हुँकार नाउँ हुइनअस्रा गजल सँग्रह । कन्चनपुरके अशोक चौधरी २०७० सालमे मनके आवाज गजल सँग्रह निकारके कन्चनपुरके गजल यात्रा सुरुवाट कैलाँ ।आझ उहे किलियामे डौरे भिरल बटाँ सँगम चौधरी अस्रा लेके ।
मनैनके जिन्गिमे टमान मेरके भोगाइ हुइल रहठ्। हरेक पिर ब्यथा, दु:खसे जे लरे सेकठ् ओहे सफल हुइठ् अपन मनके अस्राहे गजलकार सँगम असिक उटरले बटाँ।
गजल १
सुरु करटुँ बिगरल ठाउँमे सवाँर डेहो ।
उछटे सेकम मनके आँखी उघार डेहो ।
साहित्यके फटुँवामे डौरल बटुँ मै यहाँ,
मोर दिलके कलम आउर टिस्लार डेहो ।
गजलकार अपन जीवन ख्रिष्टियन मे जोरल ओरसे हुइ अपन गजल सँग्रहमे ख्रिष्टेनसे जोरके सक्कु गजल सिर्जना कैले बटाँ । हेरि हुँकार इ गजल फेन ।
गजल ५
ख्रीष्टमे रमैना चाह बा तुहार अाँत चाहल ।
जीन्दगीक यात्रामे महिन तुहार हात चाहल ।
अकेली बा जीन्दगी यात्रा बहुत कथिन बा,
और कुछ नै केवल सँघर्याके नात चाहल ।।
समयके परिवर्तन संगे कलम चलाई पर्ना बावै आझुक् गजलकार लोगन हे । पैला उठाइक लाग पहिले सकारात्मक सोच कर्ना जरुरि बा । इहे बाट इ गजल संग्रहमे डर्सा गैल बावै ।
गजल १०
जब कु्रस हेर्थु येशुक रगत देख्थु ।
उह रगत ले संसार बचत देख्थु ।
मुक्ती सब जहनक लाग हो,
तर फे कत्रा जहन भागत देख्थु ।
अब्बक युवा टे हम्रे कुछ करे परल कना बाट फेन गजलकार संगम बट्वइले बटै यहाँ ।
गजल १७
मनमे चोट लागल ब्याला रना मन लागत ।
कुछ करे नै सेक्क रोके बैठ्ना मान लागत ।
उकुसमुकुस हुईल मन भित्तर के पिडा हे,
आँशके एक–एक बुँदामे गिरैना मन लागत ।
हरेक दिन लावा सोंच लावा विचार लेके यात्रा कैलेसे मेहनतके फल मिलठ् कना बाट जोरल बावै इ गजल मे ।
गजल २५
मन टुटल बेला राईटी सँस्ना प्रयास कर्नु ।
मनक चोट नुकैटी मुस्कुरैना प्रयास कर्नु ।
गजलकार संगम चौधरी ख्रिष्टिय विश्वासके वाटम ढेर लिख्ले बटाँ । लेकिन इ गजल से असिन ब्यङग्य मरले बटाँ ।
गजल ३२
थकित बाटुँ संसारमे शान्ती खोजे देउ मही ।
मन्जुरी से येशूमे जाई देउ, की मारदेउ मही ।
क्षणिक जिन्दगीमे स्वतन्त्र होके जीना चहथु,
सेक्तो कलेसे मुक्ति देऊ, नैते छोरदेऊ मही ।
लावा जोस जाँगर के साठ अाघे बहर्लेसे मेहनट के फल हाँठ लागट कना गजलकार गजल रचले बटाँ यहाँ ।
गजल ४७
यहाँ विदाई हुईना बात का करे करथो ।
सबसे नाता तुरना बात काकरे करथो ।
सुःख दःुख मिलन बिछोर चलटी रहठ्
जिन्गीमे हार खैना बात काकरे करथो ।
संगम चौधरी के इपहिला गकल संग्रह हुइलक् ओरसे हुइ यम्ने अभिन बहुट मेहनट कर्ना बावै । गजलके अपन सिद्धान्त ओ नियम बटिस । सिद्धान्तसे बाहेर जाइ खोज्ले बा । कुछ गकल गकल संरचनामे ध्यान डेके गजल सिर्जना कैलेसे गजल के डम फेन रहठ् । यहाँ गजल नैहोके कौनो फजल हुइल बावै । टबमारे अइना दिनमे गजल लिखेबर बहुटब सचेट हुइ पर्ना बटिन संगम चौधरी हे ।
समयके बाबजुड फेन महिन हे कुछ भुमिका लिखे डेलकमे गजलकार संगमहे उँजरा भर धन्यवाद! बावै ओ अइना दिनमे डोसर कृटि हलि आए कहटि शुभकामना बावै ।
सागर कुश्मी संगत
गजल १-६० / Gajal 1-60
गजल १
सुरु करटुँ बिगरल ठाउँमे सवाँर डेहो ।
उछटे सेकम मनके आँखी उघार डेहो ।
साहित्यके फटुँवामे डौरल बटुँ मै यहाँ,
मोर दिलके कलम आउर टिस्लार डेहो ।
एकएक शब्दसे मनके फुलरिया सजाइटुँ,
मन नै परल बाट मनेमसे निकार डेहो ।
अपन मनमे संघारल बाट छिट्काइटुँ मै,
जिन्गीमे कामलग्ना शब्दकिल ढार डेहो ।
मोर मनसे बहल एक एक अक्षरहे यहाँ,
गहिंरसे केराफटकके एकचो बिचार डेहो ।
गजल २
खै काकरे पगला हस हँस्ना कर्थु ।
येशु मे खुशी पाके नच्ना कर्थु ।
बर सुहाउन सुन्थु येशुक गीत मै,
नै जन्लेसे फेन टाेंटफारे गैना कर्थु ।
जव नाचत देख्थु सँघर्या हुकन ।
घ्याच तान तानके हेर्ना कर्थु ।
मजा नै लागत येशु विना यहाँ ।
मनमे खुशी आनन्द खोज्ना कर्थु ।
असंख्या झण्डा फरफराईत यहाँ ,
तर मै क्रुसके झण्डा रोज्ना कर्थु ।
गजल ३
सुख दुःखके हाल बुझुया भेताईल बाटुं ।
मनके आँशु पोछुईया भेताईल बटु ।
भmुठा बाचासे मन टुक्रा–टुक्रा हुईल ब्याला,
घाएल मनम मलहम लगुईया भेताईल बटुं ।
घृणा ओ बदनामसे उजरल जीन्दगी हे,
मिठास बोलीले सजा देहुईया भेटाईल बटुं ।
समुन्द्रके छाल अल्झल जीन्दगी हन ,
निस्वार्थ मैयाले पार लगुईया भेटाईल बटु ।
मनके चोटसे हरदम रुईती रहल बेला,
मही उँक्वारमे लेहुईया भेटाईल बाटुं ।
गजल ४
तोहार जस्तै मोर रहर कब आई ।
सँग–सँग रमैना बहार कब आई ।
सब जहन से मैया जोर्ति नेङ्गथो तुं,
मोर मे फेन मैयक नहर कब आई ।
म्ुाहार म खु्शी जीवन म ज्योती तुहार,
मोर जीन्दगीम असिन प्रहार कब आई ।
तुहांर लाग त स्वर्गीय मुकुट धारल बा,
मोर लाग फे स्वार्ग के शहर कव आई ,
हर कडम म प्रेमके सुवास फहरैथो,
तुहार सँग नेगना उ सफर कब आई ।
ख्रीष्टमे रमैना चाह बा तुहार अाँत चाहल ।
जीन्दगीक यात्रामे महिन तुहार हात चाहल ।
अकेली बा जीन्दगी यात्रा बहुत कथिन बा,
और कुछ नै केवल सँघर्याके नात चाहल ।
टुटगिल बा मन चिरार फाटल बा हृदय,
एक दुई शब्दके उत्साहके बाट चाहल ।
परमेश्वरके लाग कुछ कर्ना बा,
उहाँके विश्वासीनके जात चहल ।
उजरल ओ टुटल झोपरी रलसे फेन ,
सुन्दर सपनी के मिठ रात चाहल ।
टुँटे महिन हे हंसाई फे सेक्थो ।
उदास हुईलमे नचाई फे सेक्थो ।
हृदय भित्तरके एक–एक चोट म,
मिठ बचन ले चोखवाई फे सेक्थो ।
बदनाम ओ घुणा से बाझो जीन्दगी,
रंगिन फुलै फुलाले सजाई फे सेक्थो ।
चारु ओर से ठिचल अँधार मन हे,
ख्रीष्टके ज्योतीसे चम्काई फे सेक्थो ।
टुक्रा–टुक्रा होके गिर्ती रहल मन हे,
अपन उन्ज्रा दोक्के बाचाई फे सेक्थो ।
रुवाईके चित्कार से हाँँसत दुनिया ।
सोकले भरल देख्के भागत दुनिया ।
उ तिस्लार तिर हृदय गस्कल व्याला,
जीन्दगीक दसा देख्के नाचत दुनिया ।
जब जीन्दगीक यात्रा म ठेस लागत,
उप्पर से ठिचकलाग जुटट दुनिया ।
अनन्त जीवनके खबर बताई व्याला,
बिना काठार बदनाम करत दुनिया ।
मजा काम मरथ देखके यहाँ,
मनक भित्तर से जरत दुनिया ।
गजल ८
तोहार जवानी चाखो धर्ना रहर कसिक पुछु ।
जत्तिसे कहतु तुहार नेङ्गना दगर कसिक पुछु ।
घुणा, बदनाम सहके नेङथो रात दिन यहाँ,
जत्तिसे येशुम भोगल तुहार खबर कसिक पछु ।
सतावतसे छटपटा छटपटाके जीअल ब्याला,
उ टुक्रा–टुक्रा हुईल हृदयके असर कसिक पुछु ।
रात दिन आँखी म आँशके धारा बहल ब्याला,
मनक भित्तरके तहुाँर चित्कार कसिक पुछु ।
विश्वासके कारण घरसे निकारल ब्याला,
तुहार बैठ्ना घर दुवार कसिक पुछु ।
गजल ९
दुनिया मे घृृणित होके बैस सिखल बाटु ।
ह्ृदयम मैयक पोक्री चाँस सिखल बाटुं ।
लोभ्वाईत दुष्ट संसारके चिज देखाके,
मै जुन अपन ईच्छा मास सिखल बाटुँ ।
दुनिया चाहे जत्रा रिसाओस या विरोध करे,
तर मै येशुक सँग नाता गाँस सिखल बाटुँ ।
पापके बन्धनमे अल्झल रहुँ दुनिया मे,
दुःखी जिन्गीमे फेन हाँसे सिखल बाटुंँ ।
दुनिया मोर दुःख, कष्टमे रमैले से फेन,
आँश पिके जिना आँट कस सिखल बटुँ ।
जब कु्रस हेर्थु येशुक रगत देख्थु ।
उह रगत ले संसार बचत देख्थु ।
मुक्ती सब जहनक लाग हो,
तर फे कत्रा जहन भागत देख्थु ।
जीवन के सिमा तोकल बा तब फे,
बिना कारण समय मासत देख्थु ।
जीवनके अर्थ बुझल मनै हुकन,
येशुक पाछ पाछ लागत देख्थु ।
उद्धार मुक्ति पाईल मनै हुकन,
हरदम हस्ती गाईत नाचत देख्थु ।
गजल- ११
याद बा तु मही खुशी करैलक पल ।
हृदयमे बा उ शब्द मही हसैलक पल ।
हरदम याद आईत उ दिनके क्षण मही,
सम्झथु मै तोहार आशुं पोच्छलक पल ।
जव मोर हृदय छिंग्रा छिंग्रा होगैल रह,
याद बा येशूक बचन देखैलक पल ।
दुनियामे चारु ओरसे थिचल ब्याला,
भुलल नै हुँ टुं पकरके उठैलक पल ।
जीन्गीके अन्तिम आशा हेराईल ब्याला ,
सजाईल बाटुं बच्ना आशा देखैलक पल ।
नुक छुपके प्रचार कर्ना तुहार चाल मन परल ।
दुःख मे फे सुख के तोहार हाल मन परल ।
सब जहान से मिठास बोली लगैती नेङना ,
जीन्गीके उ सुन्दर यात्रा के पल मन परल ।
आत्मिक प्यासले तरपल मनैन हुकन,
जीवन देना उ तुहार जल मन परल ।
येशुके महान आज्ञा मे लागल रना ,
तुहार सँघर्यन के ऊ दल मन परल ।
दुनिया मे ख्रीष्टके साक्षी बन्ना,
तुहार उ बुद्धिके बल मन परल ।
अन्तके दिन गन्धक आगी बर्सने बा ।
येशूमे रहल मनै स्वर्गमे जैने बा ।
बहकके यहोर ओहोर जिन लगहो,
याद करहो संसार म युद्ध चर्कने बा ।
जब दुनियामे भुखाही ओ अनिकाल परी,
ना घबरै हो अन्तमे यह सब हुईने बा ।
आई सङकष्ट ओ दुःखके उ दिन,
आउर घृणा ओ बदनाम मच्ने बा ।
चाहे कतोस गला, चाहे लागोस फाँसी,
आखिर सम्म स्थिर रहुया बच्ने बा ।
गजल १४
सोच्ले रहु जीन्दगी एक सपना हो ।
तर यी ते परमेश्वरके रचना हो ।
जुनी जुनी सम्म बच्ना रहर रह,
तर यी केवल दुई दिनके पहुना हो ।
अन्धारमे चम्कना तोरैया सम्झु जिन्गी,
तर यी त दुःख कष्ट के साम्ना हो ।
अन्जान रहु जीन्गीसे यी संसार मे,
तर यी त ख्रीष्ट येशूके नमुना हो ।
घृणा ओ बदनाम से व्यकुल रहु मै,
तर यी त परमेश्वरके योजना हो ।
तुहाँर सँग–सँग हमी रोईना मजा लागत ।
आँखी भर आँश लेक हँस्ना मजा लागत ।
मन्द्रा भ्याली, गितार ओ धोल बजाके,
तोहार सँग–सँग नच्ना मजा लागत ।
चाहे मर परोस चहे कट परोस यी दुनियामे,
सु–समाचारके जोस कस्ना मजा लागत ।
जीन्गीमे तुँहार हाँथ मे हाँथ मिलाके,
क्रुसके झण्डा फरफरैना मजा लागत ।
सुःख दुःखके जिन्गीक यात्रामे,
संगे मानके बात कर्ना मजा लागत ।
हुँकार बिछोड से आँशले सिरहन भिजल बा ।
उह आँशके बुँदा म मैयाके शब्द बहल बा ।
ख्रीष्टके लाग सङगे नेङना सघरिया रही,
अचानक आँधी आके साथ छुता देहल बा ।
कहाँ हुईही उ कसिन हुईहिन पटा नै हो,
तर हुकहार मिठ बोलीके शब्द गुन्जल बा ।
सत्य ओ चोखो मैया सजाके गैल दिलमे,
कब अईही उ अस्रा हेरके मन तरपल बा ।
मैया के भिखारी मै, मैया मग्ती नेगल बाटँु,
मैया बिनाके ई जीन्दगी, बाँझो हुईल बा ।
गजल १७
मनमे चोट लागल ब्याला रना मन लागत ।
कुछ करे नै सेक्क रोके बैठ्ना मान लागत ।
उकुसमुकुस हुईल मन भित्तर के पिडा हे,
आँशके एक–एक बुँदामे गिरैना मन लागत ।
स्वार्थी मैयामे धोखा पाके फातल हृदयहे,
सापती मैया माङके तँगर्ना मन लागत ।
दुनिया अपन मतलब म रहल ब्याला,
ख्रीष्ट येशूमे जोस कसना मन लागत ।
संसारके ज्योती येशुके साथ पाके,
परमेश्वरके बयान कर्ना मन लागत ।
येशुके जन्म उत्सव म रमाईल देख्नुु ।
हृदय हन मैयक पहुराले सजाईल देख्नु ।
ख्रीष्टमसके उपलक्ष्यमे शुभकामना देती,
परमेश्वरके परिवारहुकन नचाइल देख्नु ।
निराश ओ दःखी रहल ब्यक्ति हुकन फे,
आनन्द भरल मुस्कान देती हसाईल देख्नु ।
बितल बातसे मुर्झाईल मन रलेसे फेन,
ख्रीष्टके निम्ती जोस मचाईल देख्नु ।
बिगरती रहल संसार के बगालमे,
अपनमे मजा योजना बनाईल देख्नु ।
गजल १९
हृदय एक्थो बा धेर जहन देना चहथो ।
ताना–तान हुईबेला चिल्लैना चहथो ।
नै सेक्बो प्रेमी हुकन बराबर मैया देह,
मनम लग्ना शब्दसे अाँश गीरैना चहथो ।
हजारौं तिरसे घायल हृदय बोक्के,
दुनियामे मजा ब्यक्ति खोज्ना करथो ।
टुक्रा हुईल मन, बेसहरा हुईल ब्याला,
आँशु पि–पीके अकेली बच्ना चहथो ।
चोखा मैया अनन्त जीवन पाके फेन,
आपन स्वार्थके लाग नेङना चहथो ।
धन सम्पत्तिमे रमैना रहर नैचाही ।
दुनियाँके रमझम कर्ना सहर नैचाही ।
येशुक सत्य मैंयाँ भेटैले बटुँ यहाँ,
स्वार्थी मैंयाँके उ खबर नैचाही ।
स्वर्ग जैना सत्य डग्गर मिलल बा,
नास हुइना महल घर नैचाही ।
जुनिजुनि समके संघरिया भेटैले बटुँ,
बिच डग्गरमे छोर्ना सफर नैचाही ।
हरदम जिन्दगीमे धोका पाईल बातु,
होगिल तोहार छली नजर नै चाही ।
अपन से ध्यार येशूक लाग रोईना करलो ।
आँखी भर आँश लेक ओठमे हस्ना करलो ।
थकित शरिर घायल हृदय रलसे फेन,
हाँस–हाँसके येशुक लाग नच्ना करलो ।
मनम चोट लग्ना बाट अईले से फेन,
जोस भरल येशूक गित गैना करलो ।
मन मुटुमे चोटै चोट रलेसे फेन,
हृदय छुना धुन गुन गुनैना करलो ।
पाप मे फसैना जाल फार–फार के,
ख्रीष्टके जवान सँग रमैना करलो ।
गजल २२
बिहानिक केरनी के सँग मन मे खुशी देख्नु ।
दुखी हृदय आनन्द करैना तुँहार हाँसी देख्नु ।
मन टुटल बेला येशू म शान्ती पारक,
कुछ करके देखैना तुहिन सहासी देख्नु ।
संसारके धोका म परल ब्याला तुहिन,
चोखो मैया के लाग तरपल प्यासी देख्नु ।
ख्रीष्टके मात्रा म क्रुस बोकल ब्याला,
सारा जीवन सौंपल येशूक दासी देख्नु ।
स्वर्ग राज्यके लाग सब त्यागके,
ख्रीष्ट येशूमे अविनासी देख्नु ।
मै मुलेसे फे मैयाके शब्द बोल्टी रने बा ।
शरिर माती बन्जाई तर फाेंटु हँँस्ती रने बा ।
दुनिया चाहे जसिन सोेच्ले से फेन,
येशुके मैया के सन्देश फैल्टी रने बा ।
जीन्दगी आँशुके लडिया मे बहले से फेन,
मोर दौड जीन्दगी भर चल्ती रने बा ।
संसार चाहे मही टुक्रा–टुक्रा परले से फे,
सु–समाचार के आवाज चिल्लैटी रने बा ।
मही आगी म जरे पर्ले से फेन, यहाँ,
ख्रीष्टियन हुकनके जोस दन्कती रने बा ।
गजल २४
परदेशी हु मैयक चिन्हा छोरके जैम ।
सँग–सगे अपन शरिर बिर्सरके जैम ।
न राईहो तु मोर छाटी मे चपत के,
तुहार चोखो मैया हृदय मे लेके जैम ।
जोस मे येशुके लाग तुँहार नेगाई,
दुई आखिक बिन्दु मे खिचके जैम ।
ना सम्झ हो अकेली, रोईती रहल बेला,
तोहार आँश पोछके सँगे–सँगे रोके जैम ।
जब सम बतु तब सम मै संसार मे,
टुहार सामु मैयक फुलरिया सजाके जैम ।
मन टुटल बेला राईटी सँस्ना प्रयास कर्नु ।
मनक चोट नुकैटी मुस्कुरैना प्रयास कर्नु ।
जीन्दगीक यात्रा मे दुनियक प्रहार से,
गिरके घुस्करिया कर्ती नेग्ना प्रयास कर्नु ।
चारु ओरसे गोरा टनुइया रलेसे फेन,
काँटाके दगरमे पैला सरना प्रयास कर्नु ।
सम्बन्ध बिछोड करैना दुष्टके जालतुरके,
येशू ख्रीष्टके प्रेम जोरना प्रयास कर्नु ।
मनमे आधी बौछार अईलेसे फेन,
छाती पकरके मन थम्ना प्रयार कर्नु ।
येशूक मैया दुृनियामे फैलैना आँट देलो ।
दुःख कष्टमे मही सहासीके जात देलो ।
स्वर्गीय इनामके लाग दौरल ब्याला ,
जीन्दगीक यात्रामे थम्ना उ हाँत देलो ।
सुन सान लागत संसार यात्रा कथिन बा,
पल–पल साथ देना संघर्याके नात देलो ।
संसार के प्रहार से जीन्गी टिट हुईल म,
मन हन मिठास करैना उ बात देलो ।
चारु ओरसे घेरके लतपताईल,
समस्याके बन्धन हे कात देलो ।
गजल २७
आपन स्वरुप ओ प्रतिरुप म बनैलो टुं ।
मोर लाग फुलै फुलके बयिया सजैलो टुं ।
बेसाहारा म निरास होके घुम तहु मै,
असल सहयोगी देके मही हसैलो टुं ।
अन्जान संसारमे नाश हुईती रहुँ,
येशू ख्रीष्टके द्धारा मही बचैलो टुं,
घृणा ओ बदनाम मे ठिचल ब्याला,
आपन सामर्थी हाँथले उठैलो टुं ।
मन टुटके आँशुमे दुबल जीन्गी मे,
आपन सत्य मैयाले मही अंगल्लो टुं ।
गजल २८
मोर जीन्गीके लाग तुहाँर सोचाई मजा लागल ।
मधुर मिठास बोल्ला तुंहार बोलाई मजा लालग ।
दुनिया महि घृणा ओ तुच्छा थन्ले से फेन,
तुहांर मयालु आंखीक हेराई मजा लागल ।
जीन्दगी टिट, होके मन दुःखी हुईल ब्याला,
मन खुशी करैना तुहाँर हसाई मजा लागल ।
मैया ले सँवार अमूल्य जीन्दगीक सफरमे,
तुहार सुन्दर पाईलाके नेगाई मजा लागल ।
आशाा ओ खुशी हेराईल मनैनके माझ,
लौवा जीवन देना बसाई मजा लागल ।
गजल २९
स्वर्गीय मुकुटके लाग दौरल बटुँ ।
हरदम ज्यानके बाजी ठोकल बटुँ ।
नै रुकी कडम केकरो धम्की से,
उहाँके शक्तिमे पाईला चालल बटुँ ।
ना दर हो मुटुके ना त नरगके,
ई जीवन ख्रीष्ट मे सौपल बटुँ ।
अन्तिम सांस समके दौड हो,
अपन हृदय जोसले भरल बटुँ ।
कोई छुताई नै सेकी येशुसे मही,
जुनी–जुनीके लाग नात जोरल बटुँ ।
गजल ३०
महान अज्ञा संसार म फैलैना आँट कहाँ ।
ख्रीष्टके दुःख–कष्टमे रमैना जात कहाँ ।
स्वर्गिय मुकुटके लाग यहाँ दौरल ब्याला,
जीन्दगीक यात्रा म उठैना उ हाँत कहाँ ।
स्वार्थी यी संसार क यात्रा कथिन बा,
पल–पल साथ देना संघर्याके नात कहाँ ।
घृणित होके जीन्दगी उदास ब्याला,
मनहे मिठास करैना तुहाँर बाट कहाँ ।
मनमे रोईले से फेन, तुहार हसाई कत्रा मजा ।
ह्ृदयमे चोट रलेसे फेन, बोलाई कत्रा मजा ।
दुनियामे सतावत ओ दुःख रलेसे फेन,
भलाईके लाग, तुहार नेगाई कत्रा मजा ।
परमेश्वरसे मनैनके सम्बन्ध बिगरल ब्याला,
उहसे मिलाप करैना तोहार साचाई कत्र मजा ।
जीन्दगीक आँधी बौछार से सँघर्ष करके,
मैयक खबर सुनैना उ दौराई कत्रा मजा ।
दुःख भुंख पीयास मे तरपल बेला फेन,
सुःख शान्तीके खबर कहाई कत्रा मजा ।
गजल ३२
थकित बाटुँ संसारमे शान्ती खोजे देउ मही ।
मन्जुरी से येशूमे जाई देउ, की मारदेउ मही ।
क्षणिक जिन्दगीमे स्वतन्त्र होके जीना चहथु,
सेक्तो कलेसे मुक्ति देऊ, नैते छोरदेऊ मही ।
दुई दिन्के जिन्दगीमे हँस्ता ओ रमैना चहथु,
खुसी ओ आनन्द होके गित गाईदेउ मही ।
येशू म लौव जीवन सुरु कर्ना मन बा,
सेक्तो ते साथ देऊ, की बिदादेऊ मही ।
जीय नै सेकम आप अशान्ती दुनियामे,
बाईबलसे मोर जीन्गी सजाईदेउ मही ।
गजल ३३
शान्ती मे बाच चहथु दगर देखादेऊ मही ।
छतपताईत मन सत्य प्रेमीे चिन्हदेऊ मही ।
जीवनके मुकुट पाके स्वर्गमे रमैना चहथु,
मुक्तीदाता येशूके सामु लैजादेऊ मही ।
दुःख–सुख ओ अभाव से सँघर्ष करल ब्याला,
दयालु परमेश्वरके चरणमे लागादेऊ मही ।
घृणा ओ तुच्छ से जीन्दगी उजरल ब्याला,
हरपल प्रेमी येशूक प्रेमसे सजादेऊ मही ।
गजल ३४
अन्धकार हे हताई उठी हमे्र सबजे ।
एकताके धागा नाँठी हम्रे सबजे ।
रीस दाह झै–झगरा हताईक लाग,
समाजमे प्रेमके माला गुँठी हमे्र सबजे ।
सुघ्घुर घर समाज बनाईक लाग,
अपन मन बिचार माठी हमे्र सबजे ।
संसारहे बचैना उद्देश्य लेके यहाँ,
ख्रीष्ट के ह्ृदय पाठी हमे्र सबजे ।
आघक बात लेके विकासक लाग,
एक जुत होके बैठी हम्रे सबजे ।
गजल ३५
येशूक बाणी एक–एक पुरा हुईने बा ।
उहाँ म बिश्वास करुईया बच्ने बा ।
भुखमणी ओ अनिकाल होके यहाँ,
लुट पाटके बगाल फे फैल्ने बा ।
भाई–भाई के मैया प्रेम हेराके यहाँ,
हत्या हिन्सा, आतङ्क फे बहर्ने बा ।
जब हुई अन्तिम, सारा देशमे,
युद्ध ओ भुईचाल फे मच्ने बा ।
लावा जीवन येशुमे पाके बच्ना मन लागल ।
मनके चोट मेटल आप हाँस्ना मन लागल बा ।
दुःखी रहे जीन्गी आभागी रहे मोर करम,
येशुके आसा पाके आप बच्ना मन लागल ।
जीना आधार कुछ नै रहे जीन्गी मे,
येशुक साथ पाके, जोस कस्ना मन लागल ।
मनैन के स्वार्थी झुठ मैया मे धोखा पाके,
येशुके मैया दिल मे चस्ना मन लागल ।
सारा समस्या से छुटकारा पाके जीन्दगी मे,
परमेश्वरके हथियार लेकके नेग्ना मन लागल ।
गजल ३७
अपन लाग नाही येशुके लाग जीदेलो टुं ।
अपने रोके येशुक लाग हाँस डेलो टुँ ।
दुनियाके रमझमसे सँघर्ष कर–करके,
येशुके लाग आपन इच्छा मासदेलो टुं ।
दुःख कष्ट अनिकाल म जीअ पर्लासे फे,
संसारके बिच मुक्तिके प्रचार करदेलो टुं ।
मनै यहाँ घृणा ओ बदनाम कर्लसेफेन,
सृष्टी कर्ता ख्रीष्टके साक्षी बनदेलो टुं ।
दुनिया चाहे नै मजाले हेर्लेसे फेन,
अपन मयालु सफा मनले हेरदेलो टुं ।
गजल ३८
दुःखके भुमरीमे परल रहुँ टुंहार हाँत चाहल रहे ।
कुक्तिके लाग चिल्लाईतहु तुहार बाट चाहल रहे ।
मैया के भिख मगतहुं दुई हाँथ जोरके तोहार ठन,
प्यासी रहुं तरप तहु टुंहार मैयाके सोत चाहल रहे ।
लाखौ चोटके पिडासे रोई तहु रात दिन मै.,
आँश पोछदेना संघरिया के नात चाहल रहे ।
दुनियामे उजरल तुटल झोपरीमे बैठल बेला,
स्वर्ग के लाग दौरना टुहार आँट चाहल रहे ।
मन उदास ओ अनुहार मलिन हुईल बेला,
तोहार आशिर्वादके बरसात चाहल रहे ।
गजल ३९
दर नै हो मृतुके ख्रीष्ट मे बच्ना बा ।
बन्धन से मुक्ति पाके स्वतन्त्र जीना बा ।
ख्रीष्ट के कारण शरिर टुक्रा हुईलेसे फेन,
उहाँके दोस्रो आगमनमे पुनरुन्थान हुईने बा ।
पापी दुनियामे तरप तरपके जीए परी तर,
नयाँ संसार स्वर्ग देश मे अनन्त रमैना बा ।
विश्वासके कारण घृणा ओ बदनाम हुई तर,
स्वर्गीय ईनाम जीबनके मुकुट मिल्ना बा ।
रो–रोके जीन्दगी बिती यी दुनिया मे तर,
अन्त म येशुके सँग स्वर्ग म हस्ना बा ।
गजल ४०
आशा करहो येशु हली अइने बाट ।
आपन सँग स्वर्ग म लैजिने बाट ।
येशुक महान अज्ञा म लागल रहहो,
अन्तमे विजयके मुकुट पहिरैने बाट ।
निरास हो ब्याकुल ना हुईहो टुं यहाँ,
आपन शान्ती येशु टुहाँर मे छोर्ने बाट ।
पवित्र जीवन म सदा लागल रहहो ।
अन्त म उहाँ तुहन स्विकर्ने बाट ।
धैर्य करहो अन्तके दिनमे तुहिनहे,
आदर सम्मानके मुकुटसे सजैने बाट ।
मुक्तिदात्ता येशुसे मैया लगाई पुग्न ।
सदाके लाग ह्ृदय मे सजाई पुग्नु ।
दुनियाके रमझम मे हेराईल रहुं,
ख्रीष्टके सामु जीन्गीसे लजाई पुग्नु ।
आनन्द ओ खुशी पैनु ख्रीष्ट येशु से मै,
आपन सँगे–सँगे सँघर्यन हे हँसाई पुग्नु ।
फरक जीन्दगी फरक पैनु सब ख्रीष्टमे,
लावा जीवन पाके, सँघर्यनहे नचाई पुग्नु ।
मुक्ती दाता, उद्धार कर्ता, संसारके ज्योतीहे,
जीन्गी मे हार खाईल मनैंन चिन्हाई पुग्नु ।
गजल ४२
जोसमे पवित्र जवानी लुटाके का पैवो ।
दिन समय गैल मे टुं पस्टाके का पैबौ ।
सत्य मै.याके नातक करके जिन्गी भर,
अन्तिम हुइलमे आसा डेखाके का पैबो ।
ओज्रारमे काम कर्ना मौका गुमाईल मे,
जिन्गीके अँधरियामे दिया बारके का पैबो ।
उद्धार मुक्ति के जरुरत परल बेला,
दिल मे औरे जहन सजाके का पैबो ।
स्वार्थी दुनिया के पाछे लागके टुं,
बिना कारण मन जराके का पैबो ।
गजल ४३
संसारमे मुक्ति के प्रचार मन परल ।
तुहार सुन्दर पाईलाके सफर मन परल ।
संसारमे अहंकारी हेराइ हुकनके सामु,
तुहार मायालु हेराईके नजर मन परल ।
समाजके दुष्ट ओ भ्रष्ट मार्ग हे त्यागके,
मिलाप करैना तुहाँर दगर मन परल ।
सुख दुःख से वितल जिन्गी तुहाँर सँग,
प्रतिज्ञा करल सोनक सहर मन परल ।
घृणा ओ बदनाम सारा सह सहके,
नच्ना ओ गैना तोहार रहर मन परल ।
गजल ४४
मैया कर्थो कलेसे नास हुईनासे बचाउ महि ।
शान्ति आनन्द ओ जिवनके दगर देखाउ महि ।
रात दिन तुहार प्रतिक्ष म बैठल रथुं मै,
दुनिया रिसैले से फेन येशू म लैजाउ महि ।
पापी संसार मे लतपाताईल जिन्गी हे,
येशूक पवित्र सत्य मैया से सजाउ महि ।
घिन लागत स्वार्थी दुनिया से महि आप,
निस्वार्थी प्रेमी येशूक कथा सुनाउ महि ।
ठिचल बातु दबल बातु मै यहाँ हरदम,
सेक्बो कलेसे हात पकरके उथाउ महि ।
गजल ४५
जिन्दगीक अन्तिम होगैल बेला तु अईलो ।
बैश मरल जवानी धल्गैल बेला तु अईलो ।
आशा रह तुहार साहार के हात पकर्ना,
हाथम तेक्नी ठाम्गैल बेला तु अईलो ।
तोहार आईना अस्रा हेर्नु जिन्दगी भर,
आँखि के रोस्नी उरगैल बेला तु अईलो ।
सँगे नेगना, जिना मुना सोच रहे,
अन्तिम सास रहगैल बेला तु अईलो ।
उ ओठसे येशूक सन्देश सुन्ना मन रहे,
सुन्ना शक्ति चलगैल बेला तु अईलो ।
राजा येशूके लाग तयार हुईना कहिया हो ।
उहाँके सँग जाईक लाग सपर्ना कहिया हो ।
हली अईना बाचा बतिन येशु राजाके,
घर अँगना तनमन सारा सजैना कहिया हो ।
तुरहिके अवाज ओ स्वर्ग दुतके सँग अईही,
अपन सखी सहेली हुकन बतैना कहिया हो ।
अचानक हुई दुलहा येशू राजा के आगमन,
आपन विश्वासके दिया बरैना कहिया हो ।
उहाँमे उद्धार मुत्ती पाके रमाईल बेला,
बाजा बजाके सँघर्यन नचैना कहिया हो ।
गजल ४७
यहाँ विदाई हुईना बात का करे करथो ।
सबसे नाता तुरना बात काकरे करथो ।
सुःख दःुख मिलन बिछोर चलटी रहठ्
जिन्गीमे हार खैना बात काकरे करथो ।
जिन्गी जित ओ हार के सँघर्ष हो,
दौरमे गिरना बात काकरे करथो ।
रुवाई के साथ जन्म हुईत संसारमे,
बसाई अन्त सरना बात काकरे करथो ।
साँस रहत सम आस पली रहत,
बिच्मे दम छोर्ना बाट काकरे करथो ।
गजल ४८
तरपति रहल व्यक्तिन के तलासमे दौरटु ।
काकरु भुख अभाव ओ प्यास मे दौरटु ।
कौनो खतराके दर नै हो न मृतुके,
ज्यानके बाजी लगाके बेहोस मे दौरटु ।
हात बा उहा के समर्थ बा उहाँ के,
उहाँके भरोसा करके साहास मे दौरटु ।
बेर्थ नै हो परमेश्वरके काम ओ सेवामे,
स्वर्गिय मुकुत ओ ईनाम के आस मे दौरटु
उहाँके सुरु करल दगर हे मै अपन,
लक्ष्य बनाके अन्तिम साँस मे दौरटु ।
गजल ४९
ह्ृदय मे जोस के दिया बारल रहहो ।
भ्रष्टाचार ओ अत्याचार से लरल रहहो ।
ख्रीष्टके शक्तिमे सारा काम करके,
बिश्वासके जर अरगरसे गरल रहहो ।
अन्तिम सास सम्मके यात्रामे टु,
सु–समाचार के पाईला सारल रहहो ।
आत्मा मे प्रज्वलित जोसमे भरके,
परमेश्वर के सेवा करल रहहो ।
ख्रीष्टके सेनाके अधिकार पाके,
उहाँके सार हथियार भिरल रहहो ।
तुहार आँखी म तलबलाईत आँश देख्नु ।
तरपल उ मनमे मैयाके प्यास देख्नु ।
ख्रीष्ट के लाग रात दिन दौरल बेला,
जिवन मे सुुख शान्ति के आस देख्नु ।
मुक्ति के सन्देश लेके निकरल बेला,
घर ना डुवार जहाँ रात वहाँ बास देख्नु ।
दुःख कष्टके जिन्दगीक यात्रमे,
आँस गिरैटी खाइल गाँस देख्नु ।
मनैनसे पिसल ओ ठिचल बेला,
बच्ना आसमे लेहल उ साँस देख्नु ।
तुहार हात पकरके जैनास मन लागल ।
येशू म महिन फेन रमैनास मन लागल ।
संसार के सारा पाप अपन उप्पर लैलेना,
मुक्तिदाता येशूक बारेम जन्नास मन लागल ।
अनन्त जिवनके यात्रा म यी संसार मे,
तुहार सँग क्रुस बोक्नास मन लागल ।
मुक्ति के सु–समाचार सुनैती नेग्ना,
पाइलामे पाईला मिलैनास मन लागल ।
बोझले दबल ओ ठीचल जिन्गी,
उहाँ हे देके सँवरनास मन लागल ।
गजल ५२
मने मन मे रोके ओठ मे हाँसल बटु मै ।
येशू द्धारा मनम आनन्दित हुईल बटु मै ।
बितल बात मन हन तरपाईल बेला,
ख्रीष्ट येशूमे शान्ति पाईल बटु मै ।
संसारमे जिन्दगी मे हार खाईलसे फेन,
स्वर्गिय मुकुट के आसमे रमाईल बटु मै ।
दुनिया के मैया मे धोखा पाईल बेला,
ख्रीष्टके चोखो मैयामे सजाईल बटु मै ।
बर्षौ से उकुस मुकस हुईल उ,
मनक बात हे बहाईल बटु मै ।
गजल ५३
तुहार सामु येशूक बात सुनाउ कसिके ।
रोईती रहल ब्याला तुहीन हसाउ कसिके ।
विशाल संसार मे तु कहाँ बटो मै यहाँ,
ख्रीष्टके चोखो मैयासे तुहीन सजाउ कसिके ।
संसारके लाग उहाँ के बलिदानिय प्रेमके,
क्रुस मे बहल रगतके कथा बताउ कसिके ।
छोप के छोप नै जिना उ सत्य घटना हे,
तुहार नजर के सामु लैजाउ कसिके ।
पुर्णिमाके चाँद जैसिन तोहार अनुहार,
औँसिक रात मे चम्काउँ कसिके के ।
गजल ५४
महि देखके दुरेसे खरक्के नेगलो तु ।
स्वर्ग जैना दगर महि नै बतैलो तु ।
स्वार्थी बिचार मे महि खेलौना बनाके,
मोर सारा पवित्र जवानी लुतलेलो तु ।
जिन्दगी भर साथ देना हाँठ पसारके,
विच दगरमे लैजाके छोरदेलो तु ।
नातक रहे तुहार प्रेम झुठ बाचा कर्के ।
मोर अमूल्य जिन्गी हे लाहास बनैलो तु ।
हजारौं सपना सजैलो जिन्दगी मे,
आखिर मे घर ना घातके करैलो तु ।
गजल ५५
हरेस ना खैहो येशू के साथ पाके ।
कबु नै छुटना समर्थी हात पाके ।
अलगाईल बतो यी संसार से,
उहाँ के सन्तान के नात पाके ।
बाचल बतो पलपल यी दुनिया मे,
उहाँ के जिवन देना बात पाके ।
अन्धकार दुनिया मे चम्कतो टुँ,
उहाँके पवित्र सन्तानके जात पाके ।
जिन्गी मे ठेस लागत, चोट लागी,
सदा विजय हुईबो उहाँके आँत पाके ।
गजल ५६
शरिरके रुप रंग धिरे धिरे हेराजाई गोचा ।
दुई दिनके जिन्गी एकदिन चलजाई गोचा ।
परमेश्वरके प्रति स्वरुपमे बनल जिवन,
उहाँ के पुत्र ख्रीष्टमे बचाजाई गोचा ।
ना धन हो हमार ना घर हो हमार यहाँ,
एक दिन सब कुछ बिला जाई गोचा ।
लेप होजाई यी सारा दुनिया तर,
ख्रीष्टके लावा संसार सजाजाई गोचा ।
विश्वासके दौर पुरा करुईया हुकन,
अन्तमे पुनरुत्थान कराजाई गोचा ।
गजल ५७
येशू के विरोध करल टोहाँर बोलाई मजा ।
रिसाके हेरल आँखिक तुहार हेराई मजा ।
आउर जहन प्रसंसा कर्ना तुहार ओठ रलेसे,
महि देखके घृणा कर्ना तुहार थुकाई मजा ।
मोर सामु हाँसके मिठ बात करलेसे फेन,
पाछेसे नुक्के मारल तुहार मराई मजा ।
सफलता के लाग ताली बजैना हातले,
महि मारल टोहाँर हाठके पिटाई मजा ।
सुःख शान्ति महलमे बैठल परी टुं,
मेर दसामे हाँसल तोहार हसाई मजा ।
गजल ५८
ख्रीष्टीय जिवन हार नै जित हो ।
उद्धार मुक्ति पाईल पाप रहित हो ।
दुःख सुख मिलन बिछोरके यात्रामे,
जिन्गी हरदम समयके गित हो ।
परमेश्वरके योजना मे सिर्जल शरिर,
दोसरके भलाई कर्टि जिना रित हो ।
दुनिया मे रहल समय यी जिन्गी,
ख्रीष्ट येशू के पहिचान के हित हो ।
दुई दिनके जिन्गी माटीमे मिल्जाई,
दुःख ते खुःशी जीन्गीक मित हो ।
येशूके लाग आँखी रसाईल भेतैनु ।
उहाँके लाग हृदय सजाईल भेतैनु ।
जुनि जुनि भर सम मैया करम कैके,
सदाके लाग मनमे बसाईल भेतैनु ।
क्रुस मे बलिदान होके देहल मैया,
हृदयके भित्तर चम्काईल भेतैनु ।
जिन्गी भर साथ देना बाचा करके,
दुःख कष्ट मे फेन रमाईल भेतैनु ।
अपन मन के मन्दिर मे तुहिन,
बैठ्ना बिछौना बिछाईल भेतैनु ।
बिदा हुइटुँ आझ मैयाँ ना मरहो ना ।
जरुर भेंट होब अस्रा ना छोरहो ना ।
राटदिन भुख पियासमे संघारल अस्रा,
डिलके कोनुवाँमे सजाके ढरहो ना ।
अगर याद आइ मोर टुहिन कलेसे,
मोर पठाइल पहुरा उघारके हेरहो ना ।
अन्जानमे मन दुखाइ पुगैम कलेसे,
मैंयाँ मानके कहल शब्द सोंचडेहो ना ।
परमेश्वरके इच्छा पुरा होए ढरटिमे,
साहित्य निखारके लाग दुवा करहो ना ।
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