लेखकके कलमसे....
आदरणिय सक्कु पाठक वर्ग ज्यु फेनसे राम-राम, नमस्कार ओ साहित्यिक अभिवादन ! स्वागत बा बाँकि रचना मे ।
मनके आवाज
गजल-७
जुझाके लजर टुँ झुकैलो बधाइ बा ।
डेखाके मैयाँ महिन नुकैलो बधाइ बा ।
पटा रहे महिन टुँ अस्टक करबो कैख,
मोर हिसाब माङ्क अपन चुकैलो बधाइ बा
डुख खप्ना अचहनहे फे बठैठिस कठ,
टर आज मोर कोमल मुटु डुखैलो बधाइ बा ।
मैयाँ डेना मैयाँ पैना आश मोर रहे बहुट,
लडिया मे बहाके महिन सुखैलो बधाइ बा ।
जुझाके लजर टुँ झुकैलो बधाइ बा ।
डेखाके मैयाँ महिन नुकैलो बधाइ बा ।
अशोक रस्टेह्वा....✍️
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