अभिन फेन दस पैसा लेके डौर्टि मिठाई खाइ डोकान गैलक याद आइट । दस पैसा डेलेसे डुनु हट्ठु मिठाई मिले डौर्टि जाउँ ओ खुशिक मारे डौर्टि आके डाइ बाबाहे डेखाउँ ।
सम्झलेसे अभिन फेन उहे जमाना रहट टे का नइ जसिन लागट । असिन लग्ना के कारन सायड पैसक अभाव ओ गरिबी के कारन हुइ । सोच्बो पैहिलक जसिन रहट टे आबक ५ /१० हजार ले बहुट कुछ करे सेक्टु मने अब्बा पहिलक रुपया के डाम अब्बा हजार हुइल बा । पहिलक समयमे पाँचसय / हजार रुपयक जग्गा किन्कल मनै अभिन जिट्टि बटै ओ २/ ३ रुपया किलो लाही बेचुया मनै फेन पलि बटै ।
अचम लागट पहिक मनैनके के जिन्गिक कहानि सुने बेर । दस पाँच रुपयक जुत्ता, चप्पल, झुलुवा घल्लक बाट सुनैठै असिक सुने बेर खेल्वारेक बाट जस्टे लागट मने इ बाट जाटिक हो ।
महि छिपल पाकल मनैनसे बाट कर्नास ओ संघर्या बनैना बरे मन परट ओ ओइनके बाटेम बरे गहिंर ज्ञानगुनके बाट नुकल रठिन काहे छिपल पाकल मनै जिन्गिक सु:ख दु:ख सब काटसेकल रठै । ओइनके जिन्गिम बहुट मेरिक प्रतक्ष डेखल सुनल घटना, कथा कहानि छुपल रठिन उहे मारे महि छिपल पाकल मनैनसे सम्बन्ध रोर्ना बहुट हटार कर्ठु ढिलढाल करलक कारन बहुट जहन गुमासेकल बटु ।
याद टे महि फेन बा ४० रुपया मे डिहारि कर्लक उ समय मे कलुवा खाके ४० रुपया डिहारि रहे । डिन भर लाहि मसरि चाना मकै टुरे परे ओ साँझके रुपया लेके घरे आइ । उहे रुपया संगारके झुलुवा कट्टु घाल जाए साबुन सरफ किनजाए । बुडिनके जमानम डेखजाए भुवा डारके रिझ लुगा सफा करट । हाँठ गोर गरगहना सफा कराबेर फेन भुवा बेलसिट ।
पहिले जन्निनके पहिरन गहना पैसक मला बरे सोहाउन रहिन पैसक बहुट चिज बनाइल डेखजाए हाँठेम घल्ना मुन्ड्रि घोचम घल्ना गुरियक टाँकि फेन पैसक डेखजाइट । मने अबक समय मे सैसक अभावसे कना हो कि ढेर नाफा कमाइक मारे हो हमार थारुनके सक्लि गहना बिक सेकल ओ बिरल्ले डेखा परट । सब जे अपन चिज महंग मे बेच्के छुक करु कना मे लागल बटै । बाट ओस्टे ओस्टे लागट पहिले बिक्रि कममे होए टे किने वर फेन सस्टा परे । अब्बा पहिक टुलना करेबेर बहुट महंगा लागट मने हाल ओस्टे ओस्टे बा । हर कोइ कुछ कमाइके कुछ प्रगति कर्ना मे डेखजाइट मने जत्रा कमाउ हाल उहे डेखजाइट जिन्गिक लक्ष्या डौरमे मनैनके जिन्गिक मना ओराजाइट । मन मने सोच्बो उहे दस पैसक जमाना रहट टे का नै ।
संगम चौधरी...✍️
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