थारुनके मुख्य टिना मनसे इ घोंघि सुटही फेन एक हो । गाउँ घरेम खुछ खानपिन किते भोज भतेर अथवा चुक्कि खैना अुइलेसे मच्छि मारे जेैना चलन पुर्खौसे चल्टि आइल बा । मच्छि संगे घोंगि, सुटहि, गेंक्ता, फेंन लन्ना कैजाइठ । थारु समुदायमे इ एकठो राहरंगि कर्ना पक्षफेन मानजाईठ ।
मच्छि मिले चाह ना मिले मने हेल्का टापि ओ पुट्ठम डिल्या झुलाके कलकल बलबल कर्टि लडिया टलुवा चैनार करैना ओ मच्छि मारट बरे सुहाउन डेखापरठ । इ काम से अलपट्रे जनारु बा कि ई बगाल थारुनके हो कहिके । पट्नि पाँट लागल रहर लग्टिक मच्छि मारे जैना थारुने मुख्य पहिचान बनल बा ।
ओहोर चुक्कि मास मच्छि बिना गठबो नै करट । नाटे भाट सत्कि नाटे जाँर । एक चिकुत्ता मास मच्छि रलेसे फेन चुक्कि खाइल हस लग्ना रहठ । खैना पिना ओ नाच गान कैके राहरंगि कैना बगाल कर्ठैम । दु:ख बिस्राओन करैना मेरिक गित गैति सालि भातुक सैना के गित गैति नच्ना ओ घोंघि, सुटहि ओ गेंक्टक चटनि खैती चुक्कि खानपिन समापन हुइट ।
अब्बा घोंघि, सुटहि, गेंक्टा थारु परिकारमे परल बा । इ हमार परुनके पहिचान करैना चिज मनसे एक हो । एक ओर चुक्कि खैना शब्द फेन लोप हुइति बा । हम्रे इ चुक्कि कना ठाउँमे अंग्रेजी शब्द पिनिंक कना कर्ठि इ कना हमार थारुमे एकठो भारि सम्पति गुमैना हो । अन्तमे एकठो बुझे पर्ना बाट कबा कि हम्रे अपन चलन रितिहे लौलि डुल्हि हस संपराब तब जाके हेर्ना ओ सुन्ना फेन मजा लागि । ओराइल ।
संगम चौधरी .....✍️
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