छोट रहलमे हमार आजि, बुडि, नानि कहिंट डगरे–डगरे नाखेल्हो रे लर्को बाजि मोट्रिमे बहानके लैजिठैं । हम्रे मोट्रि वालन डेख्के डराके भागि उ कैसिन मोटरि वाला रहिंट कना आप अक्किल अइलस । ओइने टे हमार थारुनके गर गहना खोज्टि नेगैं हमार आजि बुडि नानि चट्टुरमे गन्जाहा रहिट कि का पुरान गरगहना का काम लागि बैँस ओरागिल के घालि कैके सब बेंचडर्लै अपन जवानिक चिन्हा फेन बांकि नैढर्के । अपन भौंका सुन कराके,अपन घेंचा बुंच कराके, ना रहगैलिन घेंचम सुत्या ना रहगैलिन नाकेम नथिया । ना रहगैलिन हड्यार, लाल, काइल गुरिया ना रहगैलिन हाँठक बाला, ना घेचम गुरिया ना हांठेम चुरिया । ना कानेम झिलमिल्या ना नाकेम नथिया ना अंगरिम पैसक मुन्डरि ना गोरम पैंचुरि । जोन पुरखनके हसलि पहिचान रहिन सब उहे मोटरि वाला लैगिलै ।
हमार आजि,बुडि,नानिनके पहिचान मोटरि वालन लैगिलै । सब बेंचडर्लै थारुके सिंगार । काहाँ गैलिन हामर पुरखनके सोल्हा सिँगार, चांडिक सुरगुल्लि लागल पैंसक माला, घेचाक सुत्या माला, कानक झिलमिल्या, टरकि,हेरागैल सोनक फोंफि नथिया, कारा बाला, पैंसक मुन्डरि, पैंचुरी,घुन्ना । हेरागैल सब ओकर सहेर नै भेलो नैकरके ।आप उहे किम्टि होगैल बा । अपन सक्लि पहिचान किने नै सेक्ना होगैल बा । आज उहे आजि बुडि नानिनके सिखा नतिन्यन करे भिरल बटैं ।
रहर टे बटिन अपन पुर्खौलि हस्लि सिँगार मे सजढजके नेगना मने उ गहना खोजके फेन भेटैना मुस्किल बा ।
अबक पुस्टामे थारुनके सक्लि गहमा नै रलेसे फेन नक्लि गहनामे सजल डेखे मिलट मने पहिरन घालके किल नै ओकर इज्जट फेन करे पर्ना जरुरि बटिन आजकालिक नतिन्यनहे । सोहैना मेरिक नाच लहङ्गा चोलिया फरिया उरैटि छोक्रा झुम्रा नाच ओर भिरे पर्ना जरुरि बटिन आजकालिक नतिन्यनहे । जोन हमार आजि बुडि नानिनके पहिचान नै हमार गौरभ हो ।बिडा हुइटुँ ।
संगम चौधरी...✍️
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