खुशिराम अपन बनडिडि हे अत्रा ढेउर मैयाँ करठैं कि ओत्रा टे अपन जन्नि हे नै करले रहठैं । डिन भर ओ राट सम अपन बनडिडि से घुमठैं। कबु तलुवा ओर टे कबु पार्क ओर । कबु होटल ओर टे कबु रेस्टुरेन्ड ओर । कबु बजार ओर टे कबु गाउँ । डुनुजे अनगुत्टि निकर्ठैं एकचुट्टे रात अइठैं ।
रोज ओइनके अस्टे चाल रठिन । उ अपन बनडिडि हें अत्रा ख्याल करले रहठैं कि ओकर सारा आँग मिस मिस के खोब लहुवाइठैं । घोटैल टेल्लार देख्टि लोभ लग्तिक सुग्घर बनैले रहठैं , अपन बनडिडि हे । जहोर लैजाइठैं ओहोरे सबजे ओकर बनडिडिक नाउँ लेके गोहरैठिन । कत्रा जाने टे फोन करके बलैठिन । बहुठ् नाउँ चलल् रठिन बनडिडि । जहोर जैना ओहोरे हाइ बनडिडि , हाइ बनडिडि , कर्टठिन । पुरा सुपर हिट मे रठिन बनडिडि । खुशिराम बहुठ खुशि रहठै । जहोर जाइठैं ओहोरे बनडिडिक नाउँ उठैठिन टे । उहे मारे हुहि अपन बनडिडिहे छोरे नै सेकठैं ।
खुशिराम के बनडिडि अटो रिक्सा रहिन । उ अपन अटो मे बनडिडि अटो लिख्ले रहठै । उहे ओरसे सब्जे बनडिडि कहिके बोलकठिन । खुशिराम उहे अटोसे अपन परिवार पल्ले रहठैं । अपन लरकन पह्रेले रहठैं । बेरोजगार रहलसे ओ ओरै जहनके नोकरी कहाँ सम कर्ना सोचके एकठो अटो किन्ले रहिंट । घरक अवस्था कमजोर रलक ओरसे छोट लगानिम एक्ठो अटो किन्के डिहारि भर कमा डारठैं । कुछ रुपया बचट करठैं टे कुछ परिवारमे खर्च । खुशिराम मेहनटि ओ इनामदार रहठैं ओ औरे जहन उत्साह ओ हौसला करैटि नेंगिट । ओकार मिहिनेट देख्के परिवार लर्का जन्नि फेन आदर करठिन । खुशिराम अपन परिवार हे खुशि करैले रहिट् । खुशिराम परिवार से ढेउर समय डेहे नै सेक्ले रठै । कारन उ डिनभर दस पाँच रुपयक खोजिम डौरल रलक ओर से ।
अन्गुट्टी उट्ठै ओ उहि हे लेके निकरजाइठैं । कहाँ पुग्नाहो, कहाँ जैना हो कुछ पटा नै रठिन । ना उहीँन खैना फुर्सड् ना टे बिसैना । दस पाँच रुपैयक खोजिम गल्लि गल्लि नेगल रहठैं । काहेकि उहीँ कुछ रुपया जुटाइ पर्ना रठिन । उ अपन परिवार लर्कन के भविस्य सम्झठैं, जन्निहे सम्झठैं ओ अटो डौराइल रहठैं । उ पैसक झोला बिट्कोरके हेरठैं । उकिन कुछ आउर कमैनास लग्ठिन । उहे मारे कबु माहा राट घरे पुगठै । यहोर घरक मनै एक घचिक ढिला हुइटिकिल चिन्टा करे लग्ठिन । फोन कर्के पूंछे लग्ठिन कहाँ बटो कब आइटो । ओहोर खुशिराम घरक् लाग कुछ करेसेकु सोचमे रहठैं ।
उहे मारे हुइ खुशिराम अटो हे अत्रा ढेउर मैयाँ करिट । उहे अटो से उ अपन परिवारके पेट पल्ले रहिठ । टबे उ मैयाँ करिट अपन बनडिडि हे । ओराइल।
संगम चौधरी....✍️
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ